पिता गुलशन कुमार खुद तो नहीं गाते थे, लेकिन इच्छा थी कि बेटी गायिका बने। तुलसी कुमार ने उनके सपनो को सच किया। हाल ही में उनकी कंपनी से धीरे -धीरे से मेरी जिंदगी में आना…गीत को फिर से फिल्माया गया, हनी सिंह ने उसे गाया। दस करोड़ से अधिक लोग उसे देख चुके हैं। अब तुलसी कुमार इसी तरह के सिंगल लेकर श्रोताओं के सामने आने की तैयारी कर चुकी है। रविवार को वह एक शो करने रांची पहुंची। पेश है बातचीत के अंश …
खुद को बनाए रखने के लिए प्लेबैक सिंगिंग, एलबम, स्टेज शो में क्या जरूरी है?
जरूरी तीनों है। लेकिन फिल्म सबसे अधिक। वहीं लाईव से आपको दर्शकों के रिस्पॉंस का पता चल जाता है।
इंडीपॉप का दौर कब वापस आएगा?
90 का दौर स्वर्णिम था। एक बार फिर यह सिंगल के रूप में वापस आया है। पश्चिमी देशों में यह पहले से चल रहा है। पूरा एलबम ना करके एक गाने पर फोकस हो रहा है। एक सिंगर गायक का फेस वैल्यु बनाता है। लोग उसे पहचानते हैं। अगले महीने मैं भी एक सिंगल रिलीज करने जा रही हूं।
हर साल हजारों गाने बनते हैं, हिट दस ही होते हैं?
फिल्मों में गाने दृश्य के हिसाब से बनते हैं। लेकिन जो गाने मेलोडी के रूप में अधिक मजबूत होते हैं, लोगों के जुबान पर वही अंत तक बना रहता है। मेरा गाया एयरलिफ्ट फिल्म का सोच ना सके गाना इसी कैटेगरी में है। गाने का भविष्य श्रोता ही तय कर सकते हैं।
अगर कोई डेट पर जा रहा है, खुद का कौन सा गाना सजेस्ट करेंगी?
”सोच ना सके”। अगर लड़की जा रही है डेट पर तो मैं कहूंगी ”तुम जो आए जिंदगी में बात बन गई”। डेंजरस इश्क फिल्म की ”तु ही रब तु ही दुआ”।
आपकी एकेडमी में झारखंड के बच्चे कैसे जा सकते हैं?
उसे टी सीरीज चलाती है। उसमें कई राज्यों के बच्चे आए हैं। बहुत कम चार्ज किया जाता है। छोटे जगहों में सबसे अधिक टैलेंट है, इनका तो स्वागत है। खुलकर स्वागत करूंगी उनका। किसी भी उम्र के लोग आ सकते हैं।
एक ही तरह के गाने क्यों मिलते हैं गायकों को?
हां शुरुआत में हिमेश जी के साथ मेरे गाए गीत ऐसे थे। लेकिन 2010 के बाद चीजें बदल गई। मेलोडियस में रेडी ”हमको प्यार हुआ”, आशिकी टू में ‘हम मर जाएंगे’, ‘पिया आए ना’। इस साल कई फास्ट बीट आने वाले हैं। ‘नूर’ सोनाक्षी सिन्हा वाली, अर्जुन कपूर की ‘मुबारका’ फिल्म आ रही है।
मुंबई में खुले दिमाग वाले लोग अधिक हैं, फिर भी अभिनेत्रियों के साथ छेड़खानी होती है?
जब किसी के बारे में ऐसा सुनती हूं, बहुत बुरा लगता है। इस तरह की चीजें आज भी समाज में हैं। यहां तक की हमारी इंडस्ट्री में भी। लेकिन किसी बुरी घटना के लिए किसी शहर को जिम्मेवार नहीं मानती। दिल्ली में कोई भी कॉलेज उठा लीजिए, वहां सबसे अधिक घटनाएं हो रही है। दिल्ली – मुंबई दोनों जगहों पर रहती हूं। हाल ही में बंगलुरु में हुआ था। पूरे देश को महिलाओं की इज्जत करनी चाहिए।
क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ?
नहीं। केवल काम की वजह से घर से बाहर निकलती रही हूं। अब शादी के बाद पति के सपोर्ट की वजह से बाहर निकलने लगी हूं, शो करने लगी हूं।